मुंबई हमले के मास्टरमाइंड लखवी को पाकिस्तानी कोर्ट ने 15 साल की सजा सुनाई, उस पर टेरर फंडिंग का आरोप

पाकिस्तान की एक अदालत ने मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड जकी उर-रहमान लखवी को 15 साल की सजा सुनाई है। लखवी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर भी है। पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों ने 2 जनवरी को ही लखवी को गिरफ्तार किया था। खास बात यह है कि पाकिस्तान सरकार ने दो महीने पहले लखवी को जेब खर्च के लिए डेढ़ लाख रुपए देने का फैसला लिया था। इसके लिए उसने UN से मंजूरी भी ली थी।

पाकिस्तान का यह कदम एक बार फिर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की आंखों में धूल झोंकने की साजिश माना जा सकता है। दरअसल, अगले महीने FATF की बैठक होनी है। इसमें पाकिस्तान पर ब्लैक लिस्ट होने का खतरा मंडरा रहा है। पाकिस्तान लंबे वक्त से इसकी ग्रे लिस्ट में है। अगर वो ब्लैक लिस्ट हो जाता है तो दुनिया की कोई भी वित्तीय संस्था उसे कर्ज नहीं दे सकती।

पाकिस्तान काफी समय से ग्रे लिस्ट में
पाकिस्तान लंबे वक्त से FATF की ग्रे लिस्ट में है। पिछली मीटिंग नवंबर में हुई थी। तब पाकिस्तान की सरकार ने जो रिपोर्ट पेश की थी उससे FATF संतुष्ट नहीं था। संगठन ने कहा था- पाकिस्तान सरकार ने अब भी कई शर्तों को पूरा नहीं किया है। टेरर फाइनेंसिंग पर जो भी कार्रवाई की गई है उसके सबूत देने होंगे।

इंटरनेशनल टेरेरिस्ट लिस्ट में है लखवी
लखवी संयुक्त राष्ट्र की आतंकी सूची में शामिल है। संयुक्त राष्ट्र ने उसकी प्रॉपर्टीज भी सीज कर रखी हैं। बशीरुद्दीन पर आरोप है कि उसने अलकायदा के मारे जा चुके चीफ ओसामा बिन लादेन से मुलाकात की थी। उसे पाकिस्तान का तीसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान (सिताए-ए-इम्तियाज) भी मिल चुका है।

हाफिज सईद के खिलाफ भी जारी हुआ था वारंट
पाकिस्तान की एंटी टेररिज्म कोर्ट ने गुरुवार को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की चीफ मसूद अजहर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। उस पर भी टेरर फंडिंग का आरोप है। मसूद को कश्मीर के पुलवामा में CRPF के काफिले में हुए हमले का मास्टरमाइंड माना जाता है। 14 फरवरी 2019 को जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर हुए इस हमले में 40 जवानों की जान गई थी।


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