पुत्र वही है जो पिता का भक्त है, पिता वही है जो पालन करता है, मित्र वही है जिस पर विश्वास है

आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र के दूसरे अध्याय की 5वीं नीति में बताया है कि जो लोग पीठ पीछे काम बिगाड़ते हैं और सामने मीठी वाणी बोलते हैं, उनसे दूर रहना चाहिए। ऐसे लोग उस घड़े के समान होते हैं, जिसके मुख पर तो दूध भरा है और अंदर विष है।

चाणक्य का जन्म पाटलिपुत्र में 375 ईसा पूर्व हुआ था। उस समय बिहार के पटना शहर को ही पाटलिपुत्र कहा जाता था। चाणक्य ने अपनी नीतियों से खंड-खंड में विभाजित भारत को अखंड भारत बनाया। चाणक्य अर्थशास्त्र और राजनीति के आचार्य थे। वे तक्षशिला में आचार्य थे। इनकी मृत्यु 283 ईसा पूर्व हुई थी।

जानिए चाणक्य की कुछ खास नीतियां, जिनका ध्यान रखने पर हमारी कई समस्याएं खत्म हो सकती हैं...



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