सेक्टरों को पेयजल सप्लाई बढ़ाने से शहर में पेयजल का संकट खड़ा होने लगा है। इसे देखते हुए शुक्रवार को जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने शहर के पांचाें टैंकाें का निरीक्षण किया व पानी की स्थिति को देखा। इस मौके पर अधिकारियों ने बताया कि पानी के तीन टैंकाें में छह इंच पानी की कमी हो चुकी है। यदि अगले कुछ दिनों में स्थिति साफ नहीं हुई तो शहर में पेयजल का संकट खड़ा हो सकता है। इसी कारण इस मामले को नगर परिषद की बैठक में भी रखा गया जहां से फैसला किया गया कि शहर में पानी की समस्या को देखते हुए नहरी पानी की मात्रा को बढ़ाने के लिए प्रयास किया जाएगा व अधिकारियों से बात की जाएगी। अधिकारियों ने कहा कि यदि एक सप्ताह में शहर में पानी की सप्लाई सामान्य नहीं हुई तो शहर में फिर से तीन दिन में एक बार पानी की सप्लाई शुरू हो जाएगी। टैंकाें में 3-4 दिन का पानी बचा है। गौरतलब है कि गुरुवार को हुडा विभाग ने सिंचाई विभाग के साथ मिलकर जनस्वास्थ्य विभाग के पानी के टैंकों में हो रही सप्लाई को कम कर दिया था। माइनर की मोरी पर कट्टे रखकर पानी की सप्लाई को कम किया है। हुडा के सेक्टरों को पानी की सप्लाई खोली गई है।
पूरा क्षेत्र नहरी पानी पर निर्भर : जमीनी पानी पीने लायक नहीं, पूरा क्षेत्र नहरी पानी पर निर्भर है, क्योंकि बहादुरगढ़ में जमीनी पानी पीने लायक नहीं होने के कारण पूरा क्षेत्र नहरी पानी पर निर्भर होता है। नियम के हिसाब से नहरी पानी के 57 फीसदी पानी पर हुडा के सेक्टरों का हक है, जबकि 43 फीसदी पानी पर शहर का हक है। पर 20 साल में शहर की आबादी डबल हो गई है, लेकिन पानी की सप्लाई में कोई बढ़ोतरी नहीं हो पाई है। इस कारण पिछले दस सालों से जनस्वास्थ्य विभाग को पानी की सप्लाई हो रही थी वह अब कम कर दी गई है। अब सेक्टर के लोगों ने अपना पूरा पानी मांगा तो अधिकारियों ने जनस्वास्थ्य विभाग के पानी में नियमों के हिसाब से कटौती करके हुडा के सेक्टरों की तरफ जाने वाले पानी को खोल दिया। इस कारण शहर में हर रोज पानी की सप्लाई करने के लिए पेयजल का संकट खड़ा होने जा रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि अगर नहर से पानी नहीं मिलेगा तो शहर वासियों को जल संकट का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि विभाग के पास फिलहाल पानी का जो स्टॉक है, उससे शहर में केवल 3-4 दिन ही सप्लाई की जा सकती है।
पानी की सप्लाई नहीं बढ़ी ताे तीन दिन में
एक बार ही शहर को मिलेगा पानी
नगर परिषद की बैठक में भी शहर में पेयजल की समस्या को लेकर चर्चा हुई जिसमें पार्षदों की मांग पर चेयरपर्सन शीला राठी ने कहा कि नहरी पानी के लिए माइनर को पक्का करवाया जाएगा। जिससे शहर में पानी की मात्रों को डबल किया जा सके। केवल इसी तरह से ही शहर में पानी की सप्लाई को बढ़ाने की तैयारी है। जिसके लिए जल्द ही प्रशासन के सभी अधिकारियों से बात की जाएगी। शहर की आबादी बढ़ गई है। इसके बाद भी जनस्वास्थ्य विभाग के टैंकों में पानी की सप्लाई कम कर दी गई है। इस तरह से एक सप्ताह में ही शहर के सभी पेयजल टैंकों में पानी की सप्लाई कम हो जाएगी। यदि पानी की सप्लाई नहीं बढ़ाई गई तो तीन दिन में एक बार पानी की सप्लाई देने को मजबूर होना पड़ेगा।
-अनिल रोहिल्ला, एसडीअो, जनस्वास्थ्य विभाग बहादुरगढ़।
सेक्टरों में दिन में दो बार व शहर में दो से तीन दिन में एक बार हाे रही सप्लाई : असल में सेक्टरों में दिन में दो बार पानी की सप्लाई होती है, जबकि शहर में दो से तीन दिनों में एक बार। शहर को अधिक पानी की सप्लाई मिलने के कारण हुडा विभाग हुडा के सेक्टरों में रहने वालों को दिन में दाे बार पानी की सप्लाई मिल रही थी, जबकि शहर में लोगों को दो दिनों में एक बार पानी की सप्लाई शुरू हो गई थी। पर अब शहर के लिए पानी की सप्लाई कम कर देने से अाने वाले दिनों में शहर में तीन दिनों में एक बार पेयजल की सप्लाई का सिलसिला शुरू हो जाएगा। गुरुवार को सिंचाई विभाग ने नहरी पानी की मोरी में कट्टे लगा दिए थे, जिससे शहर की तरफ जाने वाले पानी की सप्लाई को कम किया जा सके व सेक्टरों को पानी की सप्लाई सामान्य हो सके।
यह है व्यवस्था : शहर में जनस्वास्थ्य विभाग के कुल पांच वाटर टैंक हैं। जिनकी क्षमता 11 मिलियन गैलन है। इनमें से दो टैंक पानी की कमी के चलते सूख सकते हैं। शेष तीन टैंकों में भी पानी छह इंच तक कम हो चुका है, जबकि टैंकों में कम से कम सात फुट पानी होना चाहिए। विभाग केवल वाटर टैंक-2 के पानी को शुद्ध करके सप्लाई दे रहा है। अधिकारियों की मानें तो शहर को रोजाना 7 मिलियन गैलन पानी की जरूरत है, लेकिन पानी की कमी के चलते केवल 6 मिलियन गैलन पानी ही सप्लाई हो रहा है।
जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारी पानी के टैंकों का दौरा करते हुए।
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