दक्षिण अफ्रीका के नेटाल के रहने वाले जोंटी रोड्स ने 1990 के दशक की शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य पर कदम रखा और जल्द ही खुद को मैदान पर एक ताकत के रूप में स्थापित किया। एक ऐसे युग में जहां फील्डिंग को अक्सर अनदेखा किया जाता था, रोड्स ऊर्जा और उत्साह का एक स्तर लाए जो बेजोड़ था। उनकी तेज सजगता और जबड़े गिराने वाले गोताखोरों के साथ सीमाओं को रोकने की क्षमता क्रिकेट के दिग्गजों का सामान बन गई।
26 फरवरी 1992 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डेब्यू करने वाले इस खिलाड़ी के नाम एक ऐसा रिकॉर्ड है जो और किसी खिलाड़ी के नाम नहीं है. वह इकलौते ऐसे खिलाड़ी हैं जिसने अंतिम 11 का हिस्सा न होते हुए भी मैन ऑफ द मैच का अवॉर्ड हासिल किया। डरिन कुलनीन के चोटिल होने पर जोंटी ने फील्डिंग की जिसमे 5 बेहतरीन कैच लपके जिसकी बदौलत साउथ अफ्रीका (South Africa) ने वेस्टइंडीज पर 41 रनों से जीत दर्ज की. उनके जबरदस्त योगदान के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच के अवॉर्ड से नवाजा गया. इतना ही नहीं यह एक वनडे मैच में किसी फील्डर (विकेटकीपर को छोड़कर) की ओर से लिया गया सबसे ज्यादा कैच का रिकॉर्ड है।
जोन्टी के नाम बेस्ट रन आउट ऑफ ऑल टाइम का अवार्ड भी है। रोड्स को यह खिताब उनके डेब्यू इयर में दिया गया। क्रिकेट की दुनिया में शायद कोई ऐसा प्लेयर हो जिसे डेब्यू ईयर में इतना बड़ा सम्मान मिला हो। इस अवार्ड की अहमियत इस बात से समझ सकते हैं 27 साल बीत जाने के बाद भी यह उनके ही नाम है।
- जितेंद्र जोशी
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