रावण ने शूर्पणखा के अपमान का बदला लेने के लिए नहीं, सीता की सुंदरता से मोहित होकर किया था देवी का हरण

रावण बुराई का प्रतीक है। रावण के संबंध में कई मिथ प्रचलित हैं। जैसे वह अच्छा भाई था, बहन के अपमान का बदला लेने के लिए सीता का हरण किया था, रावण अजय योद्धा था। इन मान्यताओं के पीछे कई कथाएं बताई गई हैं।

रावण ने सीता को महल में रख सकता था, लेकिन क्यों नहीं रखा?

कुछ लोग मानते हैं कि रावण महिलाओं का सम्मान करता था, इसीलिए उसने सीता को बलपूर्वक अपने महल में नहीं रखा। ये बात पूरी तरह गलत है। रावण सीता को सम्मान की वजह से नहीं, बल्कि एक श्राप की वजह से महल में नहीं रखा था। उसने सीता को अशोक वाटिका में रखा। इस संबंध में कथा प्रचलित है कि कुबेरदेव के पुत्र नलकुबेर ने रावण को श्राप दिया था कि अगर रावण किसी भी स्त्री को उसकी इच्छा के बिना छुता है या अपने महल में रखता है तो उसके सिर के सौ टुकड़े हो जाएंगे। इसी डर के कारण रावण ने सीता को कभी बलपूर्वक छूने का प्रयास किया और न ही अपने महल में रखा।

क्या रावण ने बहन शूर्पणखा के अपमान का बदला लेने के लिए सीता का हरण किया था?

नहीं, ये बात पूरी तरह सच नहीं है। काफी लोग मानते हैं कि रावण बहुत अच्छा भाई था। इसीलिए उसने शूर्पणखा के अपमान का बदला लेने के लिए सीता का हरण किया था। ये बात सही नहीं है। शूर्पणखा ने सीता की सुंदरता का वर्णन रावण के सामने किया था। इसी से मोहित होकर रावण ने सीता को प्राप्त करने की योजना बनाई और मारीच की मदद से उसने सीता का हरण किया। रावण ने खुद के अहंकार की वजह से कुंभकर्ण जैसे धर्म के जानकार भाई की सलाह नहीं मानी और उसे भी युद्ध भूमि में भेजा। विभीषण ने भी रावण को सही सलाह दी थी, लेकिन रावण ने विभीषण को ही राज्य से निकाल दिया। रावण के अहंकार की वजह से ही उसके पूरे वंश का नाश हो गया।

क्या रावण अजय योद्धा था?

नहीं, ये बात भी गलत है। रावण कई योद्धाओं से युद्ध हार चुका था। श्रीराम से पहले रावण चार योद्धाओं से पराजित हो चुका था। रावण पाताल लोक के राजा बलि, महिष्मति के राजा कार्तवीर्य अर्जुन, वानरराज बालि और भगवान शिव से हार चुका था। रावण जिससे भी युद्ध में पराजित होता था, वह उससे वह संधि कर लेता था।



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