एक ओवर में 5 छक्के लगाने के बाद तेवतिया के घर 400 से ज्यादा लोग पहुंचे, पिता बोले-इतने फोन आए कि सिर दर्द होने लगा था

आईपीएल-13 में रविवार को राजस्थान रॉयल्स ने लीग का सबसे बड़ा टारगेट चेज किया था। पंजाब के 224 रन के टारगेट का पीछा करते हुए राजस्थान ने 226 रन बनाकर 4 विकेट से मैच जीत लिया। जीत के हीरो राहुल तेवतिया (53) रहे। राजस्थान को जीत के लिए 18 बॉल पर 51 रन चाहिए थे। तभी राहुल ने शेल्डन कॉटरेल के एक ओवर में 5 छक्के लगाकर मैच पलट दिया। शुरुआती 19 बॉल पर उन्होंने सिर्फ 8 रन ही बनाए थे और इसके बाद 12 बॉल पर 45 रन जड़ दिए, जिसमें 7 छक्के शामिल थे।

राहुल तेवतिया दिल्ली से सटे फरीदाबाद के सेक्टर-8 सीही गांव के रहने वाले हैं। तेवतिया के पिता कृष्णपाल तेवतिया एडवोकेट हैं और फरीदाबाद कोर्ट में ही प्रैक्टिस करते हैं। उन्होंने बताया कि रविवार की रात को राहुल की 5 छक्कों के बाद उनके घर पर बधाई देने के लिए रिश्तेदारों और जानकारों का तांता लग गया। घर पर 400 से ज्यादा लोग बधाई देने के लिए पहुंचे थे। वहीं इतने ज्यादा लोगाें के फोन आए कि उनका सिर दर्द होने लगा था। उन्हें अपना फोन तक बंद करना पड़ा।

दो लोगों ने पहचानी राहुल की प्रतिभा

कृष्णपाल ने बताया िक राहुल की प्रतिभा को पहचान कर उसे क्रिकेटर बनाने में दो लोगों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने बताया कि उनके छोटे भाई धर्मवीर के दोस्त मुकेश ने राहुल को गांव में खेलते हुए देखकर उन्हें क्रिकेटर बनाने का सुझाव दिया। जिसके बाद 2001 में राहुल को गुरुकुल लेकर गए। जहां पर पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर विजय यादव ने उनकी प्रतिभा को पहचान कर उन्हें बॉलिंग के साथ बैटिंग करने का भी सुझाव दिया। विजय यादव की निगरानी में वे ऑलराउंडर के रूप में विकसित हुए।

राहुल के जज्बा और सकारात्मक सोच ने उसे ऑलराउंडर बनाया

पूर्व विकेटकीपर विजय यादव ने कहा- राहुल को लेकर जब उसके पिता मेरे पास लेकर आए थे, तब वह आठ साल का था। लेग स्पिन गेंदबाजी करता था। मैने नोटिस किया की राहुल के अंदर खेल को लेकर जज्बा और सकारात्मक सोच है। मैने उसे बॉल को मारते हुए देखा। उसके बाद उसे मैचों में टॉप ऑर्डर बल्लेबाजी के लिए भेजा। राहुल ने टीम को जीत दिलाई। मैंने उसे बॉलिंग क साथ बैटिंग पर फोकस करने के लिए कहा। वह हमेशा से ही अच्छी बल्लेबाजी करता है। बेहतर बल्लेबाजी के कारण ही राहुल शॉट फॉर्मेट का बेहतर ऑलराउंडर है।

रणजी में हरियाणा से मौका न मिलने पर राहुल हो गए थे निराश

विजय यादव ने कहा- राहुल हरियाणा के अंडर-15, 19 और 22 से खेल चुके थे। लेकिन उसके बावजूद हरियाणा रणजी टीम में उनके लिए जगह बना पाना मुश्किल था। क्योंकि उस समय हरियाणा टीम में तीन लेग स्पिनर जयंत यादव, राहुल चाहर और अमित मिश्रा शामिल थे। तब राहुल और उसके पिता काफी निराश हो गए थे। तब मैने राहुल से कहा था कि तुम्हें बल्लेबाजी ही टीम में जगह दिला सकती है। इसलिए इस पर ज्यादा फोकस करना चाहिए। राहुल को आईपीएल में भी मौका बतौर ऑलराउंडर के तौर पर ही मिला था। हालांकि शुरुआत में उसे बहुत ज्यादा मौका नहीं मिला। लेकिन बाद में मिले मौके का राहुल ने फायदा उठाया और टीमों का चहेता बनकर उभरा।

2018 आईपीएल ऑक्सन से राहुल का लाइफ चेंज

राहुल का लाइफ 2018 आईपीएल ऑक्सन के बाद बदल गया। दिल्ली डेयरविल्स ने 3 करोड़ में खरीदा। जबकि बेस प्राइज 20 लाख रुपया ही था। राहुल को खरीदने के लिए किंग्स इलेवन और सन राइज हैदराबाद ने भी बोली लगाई थी। 2019 के ऑक्सन में साढ़े तीन करोड़ में राजस्थान रॉयल्स ने खरीदा। राहुल ने पहला आईपीएल भी राजस्थान रॉयल्स से 2014 में खेला था। राजस्थान ने 10 लाख रुपए उन्हें खरीदा था।



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